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अगर आप stock market में investment करना चाहते हैं लेकिन ज्यादा risk नहीं लेना चाहते, तो mutual fund और SIP आपके लिए सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
मुझे आज भी याद है जब मैंने पहली बार ₹500 SIP से investment शुरू किया था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन सा fund चुनूं, कितने समय के लिए invest करूं और कितना return मिलेगा? लेकिन धीरे-धीरे मैंने financial literacy बढ़ाई और आज मेरी SIP से एक अच्छा खास portfolio तैयार हो चुका है।
अगर आप भी पहली बार mutual fund में invest कर रहे हैं, तो यह guide step by step आपकी मदद करेगी।
Mutual Fund क्या होता है?
Mutual fund एक पैसे की टोकरी (Basket of Money) है, जिसमें बहुत सारे investor अपना पैसा डालते हैं। यह पैसा professional fund manager द्वारा stock market, bond और दूसरे assets में invest किया जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि आपको खुद stock market का analysis करने की ज़रूरत नहीं होती। fund manager आपकी जगह यह काम करता है। इसमें investor को अपने हिसाब से risk और returns चुनने का मौका मिलता है।
Example से समझते हैं मान लीजिए, आप और आपके 10 दोस्त मिलकर ₹1,00,000 जमा करते हैं। एक expert इस पैसे को अलग-अलग कंपनियों के stocks में invest करता है। अगर investment सफल रहा, तो सभी को profit मिलता है। यही mutual fund का सिद्धांत है।
मेरे दोस्त Amit की कहानी
अमित ने 2017 में ₹2000/ month की SIP शुरू की थी और 2025 तक उसने करीब ₹192,000 invest किए। उसका fund 13% CAGR return दे रहा है, जिससे उसकी total value ₹3,27,000 हो चुकी है|अगर वह 10 साल तक लगातार investment जारी रखे, तो उसकी portfolio value ₹5 lakh से अधिक हो जाएगी।
यही mutual fund और SIP की ताकत है – छोटी बचत से बड़ा फंड तैयार करना
Mutual Fund कैसे काम करते हैं?
Mutual fund में Investors को fund के NAV के आधार पर unit allott किए जाते है। Mutual fund में NAV or Net Asset Value fund का per share value है। Investors को उनके total investment और fund के NAV के आधार पर unit allott किए जाते है। NAV को calculate करने के लिए fund के total asset value को outstanding shares की संख्या से divide करना होता है।
NAV को प्रतिदिन calculate किया जाता है। इसलिए NAV हर दिन बदलती रहती है और portfolio में मौजूद stock के प्रदर्शन के आधार पर यह ऊपर नीचे होते रहती है। जब मार्केट तेजी में होता है तो आपके नाव की वैल्यू बढ़ जाती है और जब मार्केट गिरता है तो आपके नेवी की वैल्यू भी घट जाती है|
Types of Mutual Funds
Mutual funds basically दो प्रकार के होते हैं Open ended mutual fund और Close ended mutual Fund, लेकिन आपकी risk लेने की क्षमता और investment अवधि के हिसाब से इन्हें चुनना ज़रूरी है।
Open ended mutual fund:- Open ended mutual fund में आप entry और exit कभी भी कर सकते हैं इस fund के sub category भी है जैसे equity fund, debt fund और hybrid fund है।
Equity Fund:- इस category के fund stock market में invest करते हैं। इनमें high risk होता है, लेकिन long term में अच्छा return मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
Debt Fund:- इस category के fund government bond या corporate debt में invest करते है, इस fund में risk कम होता है और return भी stable मिलते हैं।
Hybrid Fund:- इस category के fund equity और debt दोनों में invest करते है, इस तरह के fund में equity market का जोखिम कम होता है और debt fund से कुछ ज्यादा return देते हैं।
Close ended mutual Fund:- Close ended mutual fund में आप fixed tenure के लिए ही investment करते हैं इसमें entry और exit limited होती है|
SIP क्या है?
SIP (systematic investment plan) mutual fund में invest करने का एक तरीका है, जहां आप हर महीने एक fixed amount invest करते हैं। यह saving की आदत की तरह है, साथ में इसमें बेहतर रिटर्न भी मिलते है।
Benefit of SIP
Rupee Cost Averaging:- Market के उतार-चढ़ाव में average कीमत पर units खरीदते हैं।
Start with Small Amount:- आप SIP ₹500 per month से भी शुरू कर सकते हैं।
Protection from Financial Distress:- एक बार SIP सेट करें, फिर भूल जाएं।
Example:- अगर आप 25 साल की उम्र में ₹5000/month की SIP 13% रिटर्न पर शुरू करते हैं, तो 50 साल की उम्र तक आपके पास करीब ₹1 करोड़ होगा|
SIP कैसे करें? (Step-by-Step Guide to Start SIP)
अब आप सोच रहे होंगे कि SIP कैसे शुरू करें? तो यह 5 आसान step में शुरू कर सकते हैं।
Step 1:- Investment Goal तय करें:- आप यह SIP क्यों शुरू करना चाहते हैं मतलब आपका goal क्या है जैसे आपका goal retirement हो सकता है घर खरीदना हो गया बच्चों की education, बेटी की शादी या vacation पर कहीं बाहर घूमने जाना हो गया यह सब आपके गोल हो गए है। आप इन goal को कितने समय में प्राप्त करना चाहते हैं 5 साल, 10 साल, 15 साल, या 20 साल या उससे भी अधिक समय में तो यह हो गया आपका time duration.
Example:-
- शॉर्ट-टर्म (3-5 साल) → Debt या Hybrid Funds
- मीडियम-टर्म (5-10 साल) → Balanced या Large Cap Funds
- लॉन्ग-टर्म (10+ साल) → Equity Mutual Funds
Step 2:- अपनी Risk Profile समझें:- हर investor के पास risk को लेकर अलग perception होता है। इसलिए risk profiler से investor की risk लेने की क्षमता को measure करना जरूरी होता है। Risk लेने की आपकी जरूरत तब पैदा होती है जब आप कुछ financial goals को प्राप्त करने के लिए ज्यादा return की उम्मीद रखते हैं
Example:- अगर आप young है और risk उठा सकते हैं तो आपके लिए equity fund ज्यादा suitable है और वहीं अगर आप senior citizen है तो आपके लिए hybrid या balance fund suitable हो सकता हैं यह पूरी तरह इस बात पर depend करता है आप कितना रिस्क लेने के लिए तैयार है।
Step 3:- सही mutual fund चुनें:-
Large Cap → कम risk, stable return
Mid Cap → थोड़ा ज्यादा risk, थोड़ा ज्यादा return
Small Cap → high risk, high return
Debt Funds → Fixed Income, कम risk
मेरी सिफारिश:
- Beginners → Parag Parikh Flexi Cap Fund (Flexi Cap)
- Mid-Level → Mirae Asset Emerging Bluechip (Large & Mid Cap)
- High-Risk Takers → Tata Small Cap Fund (Small Cap)
Step 4: सही Investment Platform चुनें:- आजकल SIP शुरू करना बहुत आसान है। आप Zerodha, Groww, ET Money जैसे platform से investment की journey शुरू कर सकते हैं
Step 5: छोटी Small SIP शुरू करें:- SIP mutual fund के माध्यम से investment को आसान बनाती है। आप 500 रुपये और 1000 रुपये के छोटे से amount से SIP शुरू कर सकते हैं। ये छोटी रकम समय के साथ जमा होती जाती है और आपकी investment journey को आसन बनाती है।
Example:- अगर आप 25 साल की उम्र में ₹5000/month की SIP 13% रिटर्न पर शुरू करते हैं, तो 50 साल की उम्र तक आपके पास करीब ₹1 करोड़ होगा|
Step 6: Stay Consistent & Review Annually:- Market की conditions हमेशा बदलती रहती है जिससे वे आपके fund के performance को प्रभावित करते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम साल में काम से कम एक बार अपने SIP की समीक्षा करने के लिए समय निकले ताकि आप ensure कर सके कि वह आपकी investment strategy के अनुरूप चल रही है। अगर कोई fund लगातार खराब perform कर रहा है तो उसे बदल देना चाहिए।
Mutual Fund में Invest करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
Mistake 1: सिर्फ past performance देखकर कभी भी fund नहीं चुनना चाहिए, क्योंकि past performance future के return की guarantee नहीं देता है। हमेशा Expense Ratio, Fund Manager, और Category का विश्लेषण करना जरूरी है।
Mistake 2: बहुत से investor market के गिरने पर जल्दी में घबराकर SIP को बंद कर देते है जबकि हमको हमेशा इसका opposite करना चाहिए जब market में गिरावट आए तो हमें अपने investment को बढ़ाना चाहिए। और लंबे समय तक investment बनाए रखना जरूरी है
Mistake 3: Mutual fund में कभी भी 2-3 अच्छे fund में ही investment करना चाहिए क्योंकि इससे portfolio के overlap होने का खतरा नहीं रहता है ज्यादातर mutual fund में 40 से 50 stock होते हैं जो बहुत अच्छा diversification दे देते हैं। बहुत ज्यादा fund होने से return पर कोई खास असर नहीं पड़ता है उल्टा यह होता है कि आपका portfolio उलझा हुआ दिखाई देता है|
क्या SIP से करोड़पति बन सकते हैं?
अगर आप ₹5000/महीना SIP करें और 15% CAGR का रिटर्न मिले:
- 10 साल में: ₹13 लाख
- 20 साल में: ₹66 लाख
- 25 साल में: ₹1.5 करोड़
ज्यादा पैसा नहीं, बल्कि time और patience करोड़पति बनाता है!
निष्कर्ष (Final Conclusion)
Mutual Fund और SIP लंबी अवधि के लिए सबसे अच्छा investment विकल्प हैं।
छोटी राशि से भी शुरुआत की जा सकती है और बड़ा corpus तैयार किया जा सकता है।
Market में होने वाले उतार चढ़ाव से ना घबराए, SIP को continue रखे। और हर साल अपनी SIP को review करें।